‘‘झूठ नहीं बोलने का’’
संता - बंता, बापू ने बोला था कि कभी झूठ नहीं बोलना मांगता है।आज से कभी झूठ नहीं बोलेगा।
बंता - अरे सुन संता.. सुनीता का बापू आया है तेरे को ढूंढ़ रहा है।
संता - भाई उसको कहा दो मैं गांव गया हुआ हूं।
बंता - ...लेकिन अभी तो तूने झूठ नहीं बोलने की कसम खाई।
संता - मैं झूठ नहीं बोल सकता, पर तुम तो बोल सकते हो।
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